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जांबाज इंस्पेक्टर सुनील कुमार की कहानी… शामली एनकाउंटर में गंवाई जान, अनिल दुजाना-ठोकिया जैसे बदमाशों को कर चुके थे ढेर, कमांडो ट्रेनिंग कर STF की थी जॉइन

सोमवार और मंगलवार की दरम्यानी रात शामली जिले में एक लाख रुपये के इनामी अपराधी अरशद और उसके तीन साथियों को ढेर करने वाली STF टीम का इंस्पेक्टर सुनील कुमार हिस्सा थे. एनकाउंटर के दौरान वह गंभीर रूप से घायल हुए थे. डॉक्टरों ने उन्हें बचाने की बहुत कोशिश की लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.  

यूपी के शामली में बदमाशों और पुलिस के बीच हुए एनकाउंटर में घायल STF के जांबाज इंस्पेक्टर सुनील कुमार की मौत हो गई. एनकाउंटर के दौरान उन्हें कई गोलियां लगी थीं. गुरुग्राम के अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था. मौत से जंग लड़ते हुए बीते दिन उन्होंने आखिरी सांस ली. सीएम योगी ने घटना पर दुख जताया है, साथ ही पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद देने का ऐलान किया है.

आइए जानते हैं शहीद इंस्पेक्टर सुनील की पूरी कहानी… 

मालूम हो कि सोमवार और मंगलवार की दरम्यानी रात शामली में एक लाख रुपये के इनामी अपराधी अरशद और उसके तीन साथियों को ढेर करने वाली STF टीम का इंस्पेक्टर सुनील हिस्सा थे. एनकाउंटर के दौरान वह गंभीर रूप से घायल हुए थे. डॉक्टरों ने उन्हें बचाने की बहुत कोशिश की लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.

1971 में जन्मे सुनील कुमार मूल रूप से मेरठ के रहने वाले थे. 1990 में सुनील पुलिस सेवा में भर्ती हुए थे. 2009 से वह एसटीएफ में सेवाएं दे रहे थे. इससे पहले सुनील लंबे समय तक पीएसी में रहे थे. सुनील कुमार मुख्य आरक्षी से प्लाटून कमाण्डर और दलनायक के पद पर प्रमोट होकर पहुंचे थे. 

 

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