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धीरज कुमार का निधन बॉलीवुड में शोक की लहर

धीरज कुमार (जन्म: 1 अक्टूबर 1944 – निधन: 15 जुलाई 2025) एक प्रतिष्ठित हिंदी एवं पंजाबी फ़िल्म अभिनेता, निर्माता और निर्देशक थे, जिन्होंने टेलीविजन पर भी अमूल्य योगदान दिया।

🎬 जीवन और कॅरिअर

इंडस्ट्री में 1965 में प्रवेश किया, जब उन्होने फ़िल्मफ़ेयर–United Producers के प्रतिभा खोज प्रतियोगिता में हिस्सा लिया; इस प्रतियोगिता में राजेश खन्ना विजेता और धीरज कुमार फाइनलिस्ट थे ।

उन्होंने 1970–1984 के बीच लगभग 21 पंजाबी फ़िल्मों में अभिनय किया। साथ ही ‘रोटी कपड़ा और मकान’ (1974), ‘स्वामी’ (1977), ‘हीरा पता’, ‘रातों का राजा’ जैसी हिंदी फिल्मों में अपनी चमक बिखेरी ।

फ़िल्म ‘स्वामी’ में गानों “का करूँ सजनी, आये ना बलम…” में वे एक यादगार चेहरा बने ।

टेलीविजन और प्रोडक्शन

1986 में उन्होंने अपनी प्रोडक्शन कंपनी Creative Eye Limited की स्थापना की, जहाँ वे प्रमुख चेयरमैन और प्रबंधन निदेशक थे ।

उन्होंने पौराणिक और धार्मिक धारावाहिकों का निर्माण किया, जैसे:

Om Namah Shivay

Shree Ganesh

Jai Santoshi Maa

Adalat, Mili, Ghar Ki Lakshmi Betiyan आदि ।

अंतिम समय और निधन

15 जुलाई 2025, मंगलवार को कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल, मुंबई में 11:40 बजे अंतिम सांस ली, कारण था निमोनिया जिससे उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था ।

समाचार रिपोर्ट्स में उनकी उम्र 79 वर्ष बताई गई है ; हालांकि NDTV ने उम्र को 80 वर्ष बताया ।

आध्यात्मिक झलक

निधन से ठीक पहले वे ISKCON मंदिर, खरघर (नवी मुंबई) के उद्घाटन समारोह में उपस्थित थे, जहाँ उन्होंने अपनी आध्यात्मिक आस्था और श्री नरेन्द्र मोदी के हिन्दू संस्कृति समर्थन की प्रसंशा की थी ।

-उनके योगदान की विरासत

क्षेत्र विशिष्ट योगदान

फ़िल्म 1970-80 के दशक में हिंदी और पंजाबी फ़िल्मों में सक्रिय अभिनय

टीवी धार्मिक/लोकप्रसिद्ध धारावाहिकों से टीवी उद्योग में महत्वपूर्ण योगदान

निर्माण Creative Eye के माध्यम से पौराणिक व सामाजिक कहानियों का निर्माण

धीरज कुमार हिंदी सिनेमा और भारतीय टीवी पर एक सुनियंत्रित और सशक्त पहचान थे। उनकी बहुआयामी 50 वर्षों की यात्रा, जिसमें उन्होंने अभिनय, निर्माण व निर्देशन किया, भारतीय मनोरंजन जगत के लिए एक प्रेरणा बनी रहेगी।

 

 

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