शुरू हो गयी है पंचायत चुनावों की प्रक्रिया * फरवरी तक मिल जायेंगे गांवों को नये प्रधान

शुरू हो गयी है पंचायत चुनावों की प्रक्रिया
* फरवरी तक मिल
जायेंगे गांवों को नये प्रधान
* इस बार कम हो गयें है यूपी में लगभग 504 ग्राम पंचायते
* क्षेत्र पंचायतों व जिला पंचायतो के चुनाव भी कार्यक्रम में शामिल
मैटर :—-* उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनावों की प्रक्रिया शुरू हो गयी है। फरवरी 2026 के अंत तक 826 विकाशस खंडों को भी नये ब्लॉक प्रमुख भी मिलेंगे।
ज्ञातव्य है उत्तर प्रदेश में इस समय ग्राम पंचायतों की संख्या 57695 है जबकि पिछली बार 2021 में जब चुनाव हुए थे उस समय इनकी संख्या 58195 थी। इन पांच सालों में लगभग 504 ग्राम पंचायतें इसलिए कम हो गयी है क्योंकि कुछ ग्राम पंचायतों को नगर निगमों या नगर निकायों में इसलिए शामिल कर दिया गया है क्योंकि ये निगमों की सीमा में आ गयी है उदाहरण के तौर पर लखनऊ की काकोरी ग्राम पंचायत अब लखनऊ
नगर निगम की सीमा में आ गयी है। बताते चले कि पिछली बार ग्राम पंचायतों के चुनाव 2021 के जनवरी- फरवरी महीने में हुए थे। इस हिसाब से फरवरी 2026 के अंत तक ग्राम पंचायतों अर्थात ग्राम प्रधानो के चुनाव हो जाने चाहिए। अगर नही हुए तो इसकी जिम्मेदारी प्रशासकों के हाथ में चलीं जाएगी जो आम तौर पर जिलाधिकारी या उसके द्वारा नामित कोई अधिकारी होता है।
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ग्राम पंचायतों के तत्काल बाद क्षेत्र पंचायतों के चुनाव होंगे जिन की संख्या 826 है। इसके अलावा जिला पंचायत सदस्यों को चुना जायेगा जो बाद में जिला पंचायत अध्यक्षों को चुनेगे । जिला पंचायतों की संख्या 75 है। वैसे जिलों की संख्या 76 है। 2025 के महाकुम्भ के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने प्रयागराज महाकुम्भ क्षेत्र को एक नया जिला घोषित कर दिया था लेकिन उसे जिला पंचायत बनाने की घोषणा अभी तक नहीं हुई है।
अब यह जानकारी दे दें कि इन पंचायतों के चुनावों की प्रक्रिया का शुभारंभ इसी 18 जुलाई को शुरू हो गयी हैं। इसके अनुसार 18 से 22 जुलाई तक ग्राम सभाओं की जनसंख्या का आंकलन किया जा रहा है या यूँ कहे कि ग्राम पंचायतों की जनसंख्या का आंकलन पूरा हो चुका है। अब 23 से 28 जुलाई के बीच मतदाताओं को प्रस्तावित सूची का प्रकाशन किया जाएगा या देखा जाय तो कर दिया गया है। पंचायत चुनावों की यह प्रारम्भिक प्रक्रिया है। इसके बाद 29 जुलाई से 2 अगस्त तक आपत्तियां आमंत्रित की जाएगी और 6 से 10 अगस्त तक उनका निस्तारण होगा। ,
राज्य सरकार ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी रहे राज प्रताप सिंह को राज्य निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किया है जिन्होंने त्वरित गति से अपना काम शुरू कर दिया है। प्रमुख सचिव पंचायती राज अनिल कुमार के अनुसार स्वतंत्र निष्पक्ष और समयानुसार चुनाव प्रक्रिया पूरी करने के हर संभव उपाय किये जा चुके हैं।
इस चुनाव को 2027 के विधान सभा चुनावों के पूर्व का रिहर्सल माना जा रहा है। क्योंकि जो भी दल इसमे अच्छा प्रदर्शन करेंगे उसका लाभ उसे विधानसभा चुनावों में मिलेगा इसलिए भाजपा और उसके सहयोगी दल समाजवादी पार्टी जी जान से इसकी तैयारी में लग गयी है। बसपा का पत्ता अभी खुला नहीं और कांग्रेस पशोपेश में है कि आखिरकार उसे कौन सा रास्ता अख्तियार करना चाहिए।
आरक्षण का जहाँ तक सवाल है उसमें पूर्व की भांति रोटेशन की प्रक्रिया लागू होगी जिसे मतदाता सूची के पुनर्रीक्षण के बाद घोषित किया जाना प्रस्तावित है। कुल मिलाकर देखा जाय तो कहा जा सकता है कि आने वाले साल के शुरुआती महीने से ही चुनाव की आंधी चलने लगेगी जो 2027 और फिर 2029 तक झकोरे भारती रहेगी। इति।
द्वारा :– शिव शंकर गोस्वामी
वरिष्ठ पत्रकार
फोन 9450420707
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